तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी
हैरान हूँ मैं
तेरे मासूम सवालों से
परेशान हूँ मैं
जीने के लिए सोचा ही नहीं
दर्द संभालने होंगे
मुस्कुराये तो मुस्कुराने के
क़र्ज़ उतारने होंगे
मुस्कुराऊं कभी तो लगता है
जैसे होंठों पे क़र्ज़ रखा है
तुझसे...
तुझसे...
आज अगर भर आई है
बूंदे बरस जाएगी
कल क्या पता किनके लिए
आँखें तरस जाएगी
जाने कब गुम हुआ, कहाँ खोया
इक आंसू छुपा के रखा था
तुझसे...
Lata Mangeshkar - Tujhse Naraz Nahin Zindagi Şarkı Sözüne henüz yorum yapılmamış. Lata Mangeshkar - Tujhse Naraz Nahin Zindagi şarkı sözüne ilk yorumu siz yaparak katkıda bulunabilirsiniz.;