मैं भी हूँ, तू भी है आमने-सामने
दिल को बहका दिया, इश्क़ के जाम ने
मैं भी हूँ, तू भी है आमने-सामने
दिल को बहका दिया, इश्क़ के जाम ने
मुसल्सल नज़र बरसती रही
तरसते हैं हम भीगे बरसात में
इक मुलाक़ात
इक मुलाक़ात में, बात ही बात में
उनका यूँ मुस्कुराना ग़ज़ब हो गया
कल तलक वो जो मेरे ख़यालों में थे
रूबरू उनका आना ग़ज़ब हो गया
मोहब्बत की पहली मुलाक़ात का
असर देखो ना जाने कब हो गया
इक मुलाक़ात में, बात ही बात में
उनका यूँ मुस्कुराना ग़ज़ब हो गया
मख़्तबर दर्द का कुछ ख़याल नही है
एक तरफ मैं कहीं, एक तरफ दिल कहीं
आँखों का ऐतबार मत करना
ये उठे तो कत्ले-आम करती हैं
कोई इनकी निगाहों पे पहरा लगाओ यारों
ये निगाहों से ही खंज़र का काम करती हैं
मख़्तबर दर्द का कुछ ख़याल नही है
एक तरफ मैं कहीं, एक तरफ दिल कहीं
एहसास की ज़मीन पे क्यूँ धुआँ उठ रहा है?
जल रहा दिल मेरा क्यूँ पता कुछ नही?
क्यूँ खयालों में कुछ बर्फ़ सी गिर रही?
रेत की ख़्वाहिशों में नमी भर रही
मुसल्सल नज़र बरसती रही
तरसते हैं हम भीगे बरसात में
इक मुलाक़ात
इक मुलाक़ात में, बात ही बात में
उनका यूँ मुस्कुराना ग़ज़ब हो गया
कल तलक वो जो मेरे ख़यालों में थे
रूबरू उनका आना ग़ज़ब हो गया
मोहब्बत की पहली मुलाक़ात का
असर देखो ना जाने कब हो गया
इक मुलाक़ात में, बात ही बात में
उनका यूँ मुस्कुराना ग़ज़ब हो गया
Palak Muchhal - Ik Mulaqaat Şarkı Sözüne henüz yorum yapılmamış. Palak Muchhal - Ik Mulaqaat şarkı sözüne ilk yorumu siz yaparak katkıda bulunabilirsiniz.;